tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post4907977602493240397..comments2024-01-30T07:21:35.553-05:00Comments on बात-बेबात: हम डर कर क्यों जियें Subhash Raihttp://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-77132949615381487672010-05-02T08:32:55.118-04:002010-05-02T08:32:55.118-04:00सुभाष सर, नमस्कार। वाकई, यह कातिल के बाजुओं का जोर...सुभाष सर, नमस्कार। वाकई, यह कातिल के बाजुओं का जोर देखने का समय है। पड़ोसी मुल्क हमारे लिए ऐसा नासूर बनता जा रहा जो हर पल रिस रहा है। इसका निपटारा अभी नहीं किया गया तो हमें बहुत पछताना पड़ेगा। यह वक्त का तकाज़ा है कि हम कातिल की बाहें अपने गिरेबान तक पहुंचने से पहले मरोड़ दें। आपने बिलकुल सही लिखा। उम्मीद है आपकी लेखनी यूं ही चलती रहेगी। प्रतीक्षा में...falsafahttps://www.blogger.com/profile/02673874188026337498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-14867759590121842472010-05-02T07:12:44.970-04:002010-05-02T07:12:44.970-04:00हम डरकर क्यूं जीएं .. बहुत सही प्रश्न है !!हम डरकर क्यूं जीएं .. बहुत सही प्रश्न है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com