tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post6649220974890742443..comments2024-01-30T07:21:35.553-05:00Comments on बात-बेबात: उर्दू शायरी में तखल्लुस और कविता में उपनाम की परंपरा Subhash Raihttp://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-3896303637404029532010-04-18T23:11:47.728-04:002010-04-18T23:11:47.728-04:00काफी लोगों के सही नाम की जानकारी मिल गई..बवाल का अ...काफी लोगों के सही नाम की जानकारी मिल गई..बवाल का असली नाम तो हम भी भूल गये जबकि हमारा बचपन का साथी है. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-75255437518885030612010-04-18T15:18:01.019-04:002010-04-18T15:18:01.019-04:00इसे पढ़ के मिला सुख उसे मैं कह नहीं सकता।
बिना बाधे...इसे पढ़ के मिला सुख उसे मैं कह नहीं सकता।<br />बिना बाधे सही तारीफ के पुल रह नहीं सकता।<br /> सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-52170657749808852642010-04-18T14:20:17.221-04:002010-04-18T14:20:17.221-04:00बजा फ़रमाया आपने, मगर आपकी पोस्ट का केंद्रीय भाव सम...बजा फ़रमाया आपने, मगर आपकी पोस्ट का केंद्रीय भाव समझ में नहीं आया। खै़र। हम भी आपको अपने तख़ल्लुस नाम से ही टीप रहे हैं। ये बात अलग है कि हमारा असली नाम तो अब हमें भी याद नहीं। हा हा।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.com