tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post6675448716705549549..comments2024-01-30T07:21:35.553-05:00Comments on बात-बेबात: बिना कमेन्ट की इच्छा किए, गज़ल आपकी खिदमत में पेश है. Subhash Raihttp://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-18633213546648047552010-08-16T05:51:59.645-04:002010-08-16T05:51:59.645-04:00सर जी लिखते ही नहीं हैं बल्कि गरजदार लिखते हैं.....सर जी लिखते ही नहीं हैं बल्कि गरजदार लिखते हैं..,अपने कमेन्ट के द्वारा नए रचनाकारों का मार्गदर्शन भी करते हैं...अर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-62103811727783162152010-07-28T11:41:32.550-04:002010-07-28T11:41:32.550-04:00राय साहब
बहुत पहले जब सर्वत साहब ब्लॉग पर अवतरित ह...राय साहब<br />बहुत पहले जब सर्वत साहब ब्लॉग पर अवतरित हुए थे हम पहले ही दिन से उनकी कलम की ताक़त के कायल हो गए थे. उनकी गजलों में व्यवस्था की सड़ांध को निकल फेकने का जो जज्बा है वह उनके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा है . सर्वत की गजल ज़िन्दगी को ज़िन्दगी देने की जंग का औजार है . सर्वत के जज्बों की पर्वत सी ऊंचाई को मीरासी और भांडगीरी कर के चन्द चांदी के टुकडो की खातिर हुनर बेचने वाले कभी छू भी नहीं Unknownhttps://www.blogger.com/profile/14503009212336443543noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-66374459857999733082010-07-28T11:41:11.726-04:002010-07-28T11:41:11.726-04:00राय साहब
बहुत पहले जब सर्वत साहब ब्लॉग पर अवतरित ह...राय साहब<br />बहुत पहले जब सर्वत साहब ब्लॉग पर अवतरित हुए थे हम पहले ही दिन से उनकी कलम की ताक़त के कायल हो गए थे. उनकी गजलों में व्यवस्था की सड़ांध को निकल फेकने का जो जज्बा है वह उनके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा है . सर्वत की गजल ज़िन्दगी को ज़िन्दगी देने की जंग का औजार है . सर्वत के जज्बों की पर्वत सी ऊंचाई को मीरासी और भांडगीरी कर के चन्द चांदी के टुकडो की खातिर हुनर बेचने वाले कभी छू भी नहीं Unknownhttps://www.blogger.com/profile/14503009212336443543noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-76866986164801537742010-07-24T08:10:38.659-04:002010-07-24T08:10:38.659-04:00अच्छा लिखा है आपने.अच्छा लिखा है आपने.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-15117962054400931692010-07-24T03:25:19.916-04:002010-07-24T03:25:19.916-04:00प्रिय मित्रों, साथियों आप का यह सारा प्यार मैं भाई...प्रिय मित्रों, साथियों आप का यह सारा प्यार मैं भाई सर्वत जमाल के हवाले करता हूं. गज़ल उनकी है, मैं तो एक दोस्त का दुख कम करना चाहता था, उसे बताना चाहता था कि तुम्हें दर्द देने वाले कुछ होंगे लेकिन तुम्हें चाहने वाले उससे कहीं बहुत ज्यादा हैं. भाई दीपक मशाल, गिरीश पंकज, सिन्ह्स डी एम, अरविन्द मिश्रा, अविनाश जी, अख्तर अकेला, एम वर्मा, पंकज मिश्रा, रजनीश, सहसपुरिया जी, शाहनवाज और निर्झर नीर जी को Subhash Raihttps://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-68000787376645161862010-07-24T02:20:21.690-04:002010-07-24T02:20:21.690-04:00आपसे मिलने कि तमन्ना और भी ज्यादा बलबती हो गई ये न...आपसे मिलने कि तमन्ना और भी ज्यादा बलबती हो गई ये नायब ग़ज़ल पढके...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-14843288417907408882010-07-24T01:08:40.513-04:002010-07-24T01:08:40.513-04:00apne samay ke savalon se do-char hotee yah sundar ...apne samay ke savalon se do-char hotee yah sundar ghzal parh achchha laga. yahi lekhan hai jo itihas banata hai. badhai. lekhak ko aur use prastut karnevale ko..girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-85878117613403286042010-07-23T23:30:34.190-04:002010-07-23T23:30:34.190-04:00सर्वत साहब हमारे समय के उन गिने -चुने शायरों में स...सर्वत साहब हमारे समय के उन गिने -चुने शायरों में से एक हैं जो बड़ी हिम्मत से ग़ज़ल कहते हैं....उनकी गजलों में जो कंटेंट होता है वो हमें दुनियावी सच्चाई से रु-ब-रु करते हुए बहुत कुछ सोचने पर विवश करता है.....उन्होंने अपने ब्लॉग पर टिप्पणी बोक्स बंद कर हम जैसों के लिए अन्याय किया था..उस अन्याय के खिलाफ "बात-बेबात" रौशनी की तरह बन कर उभरा है....आपके मार्फ़त हमारी भावनाएं जनाब सर्वत जमाल Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-14367103210947950312010-07-23T23:28:48.993-04:002010-07-23T23:28:48.993-04:00दोस्ती अमर रहे ....ग़ज़ल तो वाकई कमाल की है ,उस्ता...दोस्ती अमर रहे ....ग़ज़ल तो वाकई कमाल की है ,उस्ताद की है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-71313168640357316702010-07-23T13:44:57.013-04:002010-07-23T13:44:57.013-04:00पर हम तो बेबारी ही मिलेंगे।पर हम तो बेबारी ही मिलेंगे।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-52128071685782211212010-07-23T12:37:37.674-04:002010-07-23T12:37:37.674-04:00ghzl men aapki shron ke naam ka vrnn niraalaa he o...ghzl men aapki shron ke naam ka vrnn niraalaa he or saath hi khaaki khaadi kaa hvaalaa is esh ki tsvir or haalaat ko byaan kr rhe hen achchi ghzl ke liyen yeh koi tippni nhin kevl bdhaayi he krpya ise tippni smjh kr mitaa naa denaa. akhtar khan akela kota rajsthanआपका अख्तर खान अकेलाhttps://www.blogger.com/profile/13961090452499115999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-47105165768004419862010-07-23T09:17:38.241-04:002010-07-23T09:17:38.241-04:00अच्छी यारी निभाई. ऐसे ही चचा ग़ालिब ने थोड़े ही कहा...अच्छी यारी निभाई. ऐसे ही चचा ग़ालिब ने थोड़े ही कहा था-- "हुए तुम दोस्त जिसके दुश्मन उसका आसमां क्यों हो." <br />फिलहाल अब इस वक्त तो नौबत यही है कि प्रार्थी आपका शुक्रिया अदा करे और ऐसी बेमिसाल दोस्ती के, जब तक दुनिया कायम है, जिंदा रहने की दुआएं मांगे. सरकार, आपका हक है, लेकिन मैं वाकई इन दिनों बेहद मानसिक तनाव में हूँ और यही कारण रहा है कमेन्ट ऑप्शन हटाने का.<br />मैं यहाँ कमेन्ट सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-56535793494312773762010-07-23T09:16:49.261-04:002010-07-23T09:16:49.261-04:00गुलामी बन गयी है जिनकी आदत
उन्हें चित्तौड़ क्या, ...गुलामी बन गयी है जिनकी आदत <br />उन्हें चित्तौड़ क्या, मैसूर क्या है <br />जमाल जी की गज़लों का अन्दाज क्या कहने ..<br />पत्थर पर लकीर खींच देते है<br />और यह गजल तो ...M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-29088394984620872802010-07-23T08:29:11.587-04:002010-07-23T08:29:11.587-04:00बहुत शानदार गज़ल है। पहली दो लाइनें पढ़ते ही लगा क...बहुत शानदार गज़ल है। पहली दो लाइनें पढ़ते ही लगा कि आगे दम होगा। और खत्म करने पर लगा कि मैं सही हूं। जमाल साहब, कमेंट का बक्सा खोल दीजिए जिसे कमेंट करना होगा करेगा नहीं करना होगा नहीं करेगा। पर कुछ तो करेंगे ही ना। <br />आज अगर राय साहब आपके मित्र न होते तो मैं यह बेहतरीन गजल कहां सुनता? भई जमाल साहब ऐसा सितम मत कीजिए अपने चाहने वालों पर, यह तो गलत है।पंकज मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/05619749578471029423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-79819013015270712682010-07-23T08:17:04.677-04:002010-07-23T08:17:04.677-04:00सर्वत जमाल जी वाकई गजब का लिखते हैं।
………….
ये ब्लॉ...सर्वत जमाल जी वाकई गजब का लिखते हैं।<br />………….<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">ये ब्लॉगर हैं वीर साहसी, इनको मेरा प्रणाम</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-10635998136317292332010-07-23T07:04:17.908-04:002010-07-23T07:04:17.908-04:00बेहतरीन ग़ज़ल, बहुत ज़बरदस्त, बहुत खूब!बेहतरीन ग़ज़ल, बहुत ज़बरदस्त, बहुत खूब!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-68326542186433168842010-07-23T07:03:26.855-04:002010-07-23T07:03:26.855-04:00गुलामी बन गयी है जिनकी आदत
उन्हें चित्तौड़ क्या, ...गुलामी बन गयी है जिनकी आदत <br />उन्हें चित्तौड़ क्या, मैसूर क्या है <br /><br />नहीं है जिसकी आँखों में उजाला <br />वही बतला रहा है नूर क्या है <br /><br />बताओ रेत है, पत्थर कि शीशा <br />किया है तुम ने जिस को चूर, क्या है <br /><br />यही दिल्ली, जिसे दिल कह रहे हो <br />अगर नजदीक है तो दूर क्या है <br /><br />speechleesनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.com