tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post7183524925500951081..comments2024-01-30T07:21:35.553-05:00Comments on बात-बेबात: ‘ग्रीन हंट’ के बजाए डेवलपमेंट की तोप Subhash Raihttp://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-52896742758042008832010-09-06T12:16:05.976-04:002010-09-06T12:16:05.976-04:00अगर सचमुच ऐसी पहल हो रही है तो यह स्वागत योग्य ह...अगर सचमुच ऐसी पहल हो रही है तो यह स्वागत योग्य है। बस इसे अमली जामा पहनाने में ईमानदारी बरती जाए,हम यही कामना करें।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-80376532568967157912010-09-06T01:34:45.807-04:002010-09-06T01:34:45.807-04:00बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाइयाँ और शुभकामनाएं | आशा ...<i><b><br />बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाइयाँ और शुभकामनाएं | आशा है कि अपने सार्थक लेखन से आप ऐसे ही ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/09/4_06.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें</a> </b></i>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-72695720607091526622010-09-05T22:32:32.696-04:002010-09-05T22:32:32.696-04:00सरकार को अब अगर समस्या के हल की याद आ गयी है तो इस...सरकार को अब अगर समस्या के हल की याद आ गयी है तो इसे शुभ संकेत मान लिया जाए. प्रश्न यह है कि आदिवासियों की जो पीड़ा है, उसकी ओर भी ध्यान देने के लिए सम्बन्धित राज्य सरकारें भी गम्भीरता से इस हल में रूचि लेंगी, इस पर संदेह बना हुआ है. यदि आदिवासियों की समस्याओं पर आरम्भ से सरकारें संजीदा होतीं तो शायद हिंसा का महाकुम्भ आयोजित न होता.<br />रपट पढ़ने में तो अच्छी लगती है लेकिन योजना आयोग द्वारा दी गयीसर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-8471526127019961702010-09-05T07:21:00.573-04:002010-09-05T07:21:00.573-04:00यह कोई रातोरात जन्मी समस्या नहीं है. नासूर है जो क...यह कोई रातोरात जन्मी समस्या नहीं है. नासूर है जो कई दशकों से होता हुआ आज इस हालत में पहुंच गया है तो अचानक इसका इलाज़ नहीं मिलेगा. two pronged रणनीति ही अपनानी होगी जिसमें विकास तो ज़रूरी है ही लेकिन यह उन ताक़तों को पसंद नहीं आएगा जो इसी के अभाव में यहां सत्ताकेन्द्र बन चुके हैं..Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com