tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post8736215468112616731..comments2024-01-30T07:21:35.553-05:00Comments on बात-बेबात: जन्माष्ट्मी शाम पांच बजे तक मना लीजिये Subhash Raihttp://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-35189813384469528012010-09-02T10:02:19.667-04:002010-09-02T10:02:19.667-04:00कुछ लोग खिंचने से ही लंबे होते हैं। खातून ने कुछ न...कुछ लोग खिंचने से ही लंबे होते हैं। खातून ने कुछ नया नहीं किया है। उन्हें अपनी पब्लिक सिटी के लिए इससे सस्ता, सरल रास्ता कोई नहीं लगा होगा। इसे कहते हैं आम के आम और गुठलियों ... जी गुठलियों नहीं, झूठे छिलकों के भी दाम। इस तरह की हरकतों से यही तो होता है। हम इन्हें नहीं जानते थे, अब इनकी हरकत के कारण इन्हें भूल नहीं सकते।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-43590627734821078552010-09-02T06:01:58.083-04:002010-09-02T06:01:58.083-04:00भेदभाव हो जायेगा।भेदभाव हो जायेगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com