tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post3524266060207973659..comments2024-01-30T07:21:35.553-05:00Comments on बात-बेबात: ये कहां का धर्म है जनाब? Subhash Raihttp://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-46670423426274814082010-09-18T22:26:11.676-04:002010-09-18T22:26:11.676-04:00डा; साहब, धर्म के बारे में आपकी अवधारणा देश के अधि...डा; साहब, धर्म के बारे में आपकी अवधारणा देश के अधिकांश लोगों की भावनाओं के अनुकूल है, धर्म आज बेहद मुनाफाखोरी का धंधा हो गया है, धर्म की आड् में सभी धंधे और कुकर्म चलते हैं, मेरा मानना है कि जब तब पाप होता रहेगा, धर्म का धंधा दिन दूना रात चौगुना बढ्ता रहेगा क्योंकि पापी के मन में अपराध बोध होता है, हमें धर्म रूपी सौदागरों को बेनकाब करने के लिए अपना प्रयास निरंतर जारी रखना चाहिए<br /><br />आभार डा. महाराज सिंह परिहारhttps://www.blogger.com/profile/01913083657620688491noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-29228458598969135162010-09-15T10:49:14.932-04:002010-09-15T10:49:14.932-04:00आदरणीय श्री सुभाष राय जी,
पहली बार आपके ब्लॉग पर ...आदरणीय श्री सुभाष राय जी,<br /><br />पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ। कृपया डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' का नमस्कार स्वीकार करें।<br /><br />आपका उक्त आलेख पढा। सच को कहने का साहस जुटाने वाले लेख के रूप में आपको एक बार फिर से क्रान्तिकारी अभिवादन पेश करता हूँ।<br /><br />आपके छोटे से आलेख में वर्णित इस सच्चाई को भी यदि लोग नहीं पचा सकें या मूढ लोग समझ नहीं सकें तो इसमें लेखक का क्या दोष भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/12363266787410149792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-29223940437582134232010-09-13T05:46:11.070-04:002010-09-13T05:46:11.070-04:00सही बात कही आपने। इसलिए अपना तो अपने भगवान साथ(अपन...सही बात कही आपने। इसलिए अपना तो अपने भगवान साथ(अपन जिसे भगवान मानते हैं)सीधा सम्पर्क है।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-86086159451694114052010-09-12T23:31:09.507-04:002010-09-12T23:31:09.507-04:00बढ़िया लेख है अभी पूरा तो नहीं पढ़ा पर पढेंगे जरुर ....बढ़िया लेख है अभी पूरा तो नहीं पढ़ा पर पढेंगे जरुर ....<br /><br />मुस्कुराना चाहते है तो यहाँ आये :-<br />(क्या आपने भी कभी ऐसा प्रेमपत्र लिखा है ..)<br />(क्या आप के कंप्यूटर में भी ये खराबी है .... )<br />http://thodamuskurakardekho.blogspot.comगजेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14299561081216186994noreply@blogger.com