tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post4622010443029188539..comments2024-01-30T07:21:35.553-05:00Comments on बात-बेबात: अर्जुन चुप क्यों हैं Subhash Raihttp://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-71419158898151013202010-06-13T14:12:29.885-04:002010-06-13T14:12:29.885-04:00इस संदर्भ में बस दो कविताएं याद आती हैं। इनका उपयो...इस संदर्भ में बस दो कविताएं याद आती हैं। इनका उपयोग हम लोगों ने भोपाल गैस त्रासदी पर प्रकाशित एक पुस्तिका में किया था- <br />तू इधर उधर की बात न कर<br />ये बता कि काफिला लुटा कैसे<br /> यह मेरठ की किसी शायर की पंक्तियां हैं नाम याद नहीं है। <br />और दूसरी कविता थी शलभ श्रीरामसिंह की-<br /><br />जो इनका भेद खोल दे<br />हर एक बात बोल दे<br />हमारे हाथ में वही <br />खुली किताब चाहिए<br />घिरे हैं हमराजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-5518853606103908192010-06-13T08:31:04.759-04:002010-06-13T08:31:04.759-04:00"…भोपाल में गुस्सा बढ़ रहा था, कानून-व्यवस्था ..."…भोपाल में गुस्सा बढ़ रहा था, कानून-व्यवस्था के लिए कठिन स्थिति पैदा होती जा रही थी। ऐसे में एंडरसन को बाहर निकालना जरूरी हो गया था…" (भोपाल से बाहर निकालना जरूरी था, देश से बाहर नहीं।)<br /><br />अर्जुन बोलेंगे - लेकिन समय आने पर, "सही सौदा पट जाने" पर, शतरंज पर बाजी उनके पक्ष में आने पर……। <br /><br />रही मासूम मानव जानों की बात, तो इस बारे में कांग्रेसियों से कोई उम्मीद न Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-9887026622678634902010-06-13T07:27:55.074-04:002010-06-13T07:27:55.074-04:00कहीं कोई उसके दांत न गिन लेकहीं कोई उसके दांत न गिन लेपी के शर्माhttps://www.blogger.com/profile/02419277158229138144noreply@blogger.com