tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post5256303865885209545..comments2024-01-30T07:21:35.553-05:00Comments on बात-बेबात: काश, फिर कोई चंडी समाज की आंखें खोल सकती! Subhash Raihttp://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3190217504726480595.post-84159969396157775662010-07-30T07:51:30.649-04:002010-07-30T07:51:30.649-04:00समाज कभी श्रेष्ठ नहीं बन सकता जहां मनुष्य में अंतर...समाज कभी श्रेष्ठ नहीं बन सकता जहां मनुष्य में अंतर सिर्फ इस आधार पर किया जाता है कि वह उसका वर्ण नीचा है या वह गरीब वर्ग से संबंध रखता है...<br />सहमत ..!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.com