शनिवार, 1 मई 2010

उसने आत्महत्या कर ली

आज मन थोडा उदास था. उसने आत्महत्या कर ली. उसे मैं नहीं जानता था, मैंने  देखा भी नहीं था. सुना कि वह सुंदर थी, पढने लिखने में भी ठीक थी. अभी किशोरावस्था  की देहलीज पर थी. उसके मां-बाप झगड़ते रहते थे. इस झगडे में उनका इतना समय चला जाता था कि अपनी जवान होती बच्ची से बात करने, उसकी समस्याओं को समझने का उनके पास वक्त ही नहीं बचता था. ऐसे ही एक   दिन वे झगड़ते रह गए और सुगंधा  ने अपने कमरे में जाकर फन्दा लगा लिया.

यह बिल्कुल सच  घटना है. सुनते हैं कि बहुत से लोग बच्चियों को पैदा  होने  से पहले ही मार देते हैं. जो बच जातीं हैं, उन्हें भी इस दुनियां में बहुत सारी लड़ाइयाँ लड़नी पड़तीं हैं. कई बार वे बचकर भी नहीं बच पातीं हैं. क्योंकि उनके अपने फैसले भी वे नहीं कर पातीं हैं. उनकी जिंदगियों के निर्णय दूसरे लोग करते हैं. कई बार उनके मां-बाप और अक्सर उनके पति. माँ-बाप जो नहीं चाहते, वह कर पाना उनके लिए मुश्किल होता है. इस अंतर्संघर्ष में भी बहुत सी बच्चियों को जान  गंवानी पड़ती है. निरुपमा बड़ी थी, समझदार थी.. वह एक बड़े शहर में पढ़ रही थी. उसे अपने ही एक सहपाठी से प्रेम हो गया. वे शादी करना चाहते थे. लेकिन वह पंडितजी की बेटी थी, उसके मां-बाप कैसे बर्दाश्त करते कि उनके घर एक छोटी जाति  का लड़का बारात लेकर आये. निरुपमा पिताजी को समझाने घर गयी पर वह लौटी नहीं. अब वह कभी नहीं लौटेगी.

लड़कियों  के साथ ऐसा क्यों होता है? वह भी आज के प्रगतिशील और पढ़े-लिखे समाज में. सभी देख रहे हैं कि वे लड़कों से किसी मायने में कमजोर साबित नहीं हो रहीं हैं फिर भी उनके साथ भेद-भाव होता है, उनकी उपेक्षा की जाती है और अगर वे बेहतर  करतीं हैं तो उनसे  लोग ईर्ष्या करते हैं और भरसक उन्हें किनारे करने की कोशिश होती है. प्रकृति ने उन्हें पुरुष से केवल शरीर संरचना  में भिन्न बनाया है. वहां वे कमजोर  और कोमल हो सकतीं हैं पर मेधा में, बुद्धि में, कलात्मकता में वे  किसी से कमजोर नहीं हैं. फिर उनके इन गुणों के लिए दुनिया उनका स्वागत क्यों नहीं करती?

फूल की हर पंखडी को नोंच कर क्या पाओगे
गंध में उसकी नहाकर महकना सीखो जरा

2 टिप्‍पणियां:

  1. अगर वे बेहतर करतीं हैं तो उनसे लोग ईर्ष्या करते हैं और भरसक उन्हें किनारे करने की कोशिश होती है...होता है ऐसा भी ...मगर वक़्त बदल रहा है ...अब उनकी प्रतिभा को सराहा और समझा भी जा रहा है ...
    गंध में उसकी नहाकर महकना सीखो जरा...
    क्या बात कही ...!!

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