मित्रों, प्रसन्नता की बात है कि मेरी पत्रिका के लिए आर एन आई ने एक नाम स्वीकार कर लिया है। लखनऊ से अब समकालीन सरोकार के प्रकाशन का रास्ता साफ हो गया है। सितंबर में इसका प्रवेशांक आप सबके सामने होगा। मेरे साथ इस यात्रा में हरे प्रकाश उपाध्याय भी है। हमारी कोशिश होगी कि शब्दों की दुनिया में एक नया स्वाद पैदा हो, एक नयी राह खुले, एक नयी जमीन उगे। आप सबका स्नेह हमारी शक्ति बनेगा, ऐसा हमारा विश्वास है।
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