बच्चे देश के भविष्य होते हैं. अगर उनकी देखभाल ठीक से की जाय, उनके चरित्र निर्माण पर ध्यान दिया जाय और उनकी शिक्षा-दीक्षा की चिंता उचित ढंग से हो पाए तो कोई कारण नहीं कि हम एक मजबूत और संपन्न राष्ट्र का निर्माण न कर सकें. दुःख की बात है कि अपने देश में बच्चों पर ही हमारा ध्यान नहीं है. सरकारें तमाम योजनायें बनातीं हैं पर नौकरशाही के मकडजाल में फंसकर वे दम तोड़ देतीं हैं. गरीब परिवारों के बच्चे पढ़-लिख नहीं पाते क्योंकि उनको परिवार की रोटी का इंतजाम करने में भी अपनी काम उम्र के बावजूद जुटना पड़ता है. इस अँधेरे में कुछ टिमटिमाती आशाएं दिखतीं हैं समाज में रोशनी फैलाती हुईं. आगरा में प्रयास नामक संस्था ऐसे बच्चो का भविष्य संवारने में जुटी है. यह डा. बीना शर्मा और उनके कुछ समर्पित सहयोगियों के संकल्प का परिणाम है. गत दिनों प्रयास ने अपना वार्षिक कार्यक्रम " हमने क्या सीखा " आयोजित किया. इस कार्यक्रम में बच्चों ने अपने बहुविध कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया.
संस्था गीत "हम हैं छोटे –छोटे बच्चे" के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई परिचय वर्ग ने "दया करो भगवान" ,बोधन वर्ग ने "इन्साफ की डगर पर बच्चों दिखाओ चलकर"और अभिव्यक्ति वर्ग ने "नगर-नगर और गाँव –गांवमें दीप जलाएंगे" की प्रस्तुति दी. बच्चों ने तीन लघु नाटक ईदगाह,संघठन में शक्ति और आतंकवाद मिटायेंगे, प्रस्तुत किये. रुना, कश्मीरी और रैनी ने "आसरा इस जहां का मिले ना मिले "भजन की प्रस्तुति दी तो नन्ही बच्ची मुस्कान ने कौआ और गिलहरी की कहानी प्रभाव पूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया. रेनी और साथियों ने" कद्दूजी की चली बरात " कविता सुनाई. कार्यक्रम में सभी रंग दिखाई दिए. ईदगाह के बाजार ने तो सबको मोह लिया. कहीं मिट्टी के बने खिलौने थे तो कहीं कोई गुब्बारे बेच रहा था. प्यारू ने नमाज अदा करवाई. संचालन तरुना और डा. बीना ने किया.
सीमा ने प्रयास की गतिविधियों का उल्लेख किया तो डा. अनुपम ने बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के समय के तथ्य सबके सामने रखे. रजनी ने सभी का सहयोग किया. सुधीर जी बच्चों की गतिविधियों को केमरे में कैद करते रहे. कहा जाए तो पूरे आयोजन के मूल में सुधीर जी की भूमिका पवनपुत्र हनुमान की रही. " हम होंगे कामयाब "गीत के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.
मुख्य अतिथि श्री महेश चंद गुप्ता ,भूतपूर्व प्रबंधक, इलाहाबाद बेंक ने बच्चों को रिजल्ट वितरित किया. गुरु गोविन्द दोनों खड़े दोहे से अपनी बात शुरू करते हुए उन्होंने शर्म को मानव की विशेषता बताया. यही गुण मानव को जानवरों से अलग करता है. बच्चों का कार्यक्रम देख उन्हें अपना बचपन याद आगया, यह मेरे जीवन का अनमोल क्षण है जो मैंने प्रयास में बच्चों के साथ बिताया. उन्होंने स्वयं भी प्रयास से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की. मेधावी छात्रों के लिए उन्होंने अपनी ओर से ५०० रूपये की धनराशि प्रदान की. विशिष्ट अतिथि श्री डी.एम. नायक, असिस्टेंट डायरेक्टर,राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड ने बच्चों को स्कूली बैग वितरित किये. नायक जी ने घोषणा की कि प्रयास के जो बच्चे हाईस्कूल कर चुकेंगे, उन्हें निशुल्क रोजगार परक पाठ्यक्रम कराने की सुविधा दी जायेगी. सभा के अध्यक्ष डी.एल. ए.दैनिक समाचारपत्र के सम्पादक, विचार डा. सुभाष राय ने सर्वाधिक उपस्थिति, अच्छे व्यवहार और प्रत्येक कार्य में पहल के लिए क्रमशः अजमेरी ,रुना और रेनी को प्रमाणपत्र और पुरस्कार प्रदान किये. अध्यक्षीय उदबोधन में उन्होंने कहा कि आज के भागदौड़ भरे युग में बच्चों का बचपन छिनता जा रहा है. ऐसे समय में इन बच्चों के चेहरे का भोलापन और शान्ति देख कर नयी आशा बांधती है. बच्चों के द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को उन्होंने बहुत सराहा.
कार्यक्रम के प्रारम्भ में शुभम ,शाहीन और सोनिया ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ दिया और प्रयास समिति के अध्यक्ष प्रो.एस.एन.शर्मा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि आज के व्यस्तता भरे माहौल में भी आप इस छोटी संस्था के लिए समय निकाल कर उपस्थित हुए, इससे संस्था का गौरव बढ़ा है और प्रयास के बच्चो को संरक्षण मिला है. धन्यवाद श्री ओ.पी मखीजा जी ने दिया, कहा कि मेरी दिली इच्छा है कि इन बच्चों में से कम से का एक बच्चा अवश्य आई.ए.एस. अवश्य बने. कार्यक्रम प्रयास सचिव बीना शर्मा के निर्देशन में संपन्न हुआ. साधना वैद ,डा. अनुपम सारस्वत ,डा. वरुण भारद्वाज ,श्रीमती अरुणा सारस्वत ,डा.सीमा दीक्षित ,श्री शैलेन्द्र दुबे .श्री ,एस.के.सिंह ,रेखा और मधु उपस्थित रहे. इस अवसर पर प्रयास के बच्चों के अभिभावक भी अपने नन्हें -मुन्नो के करतब देखने को मौजूद थे.
संचारतंत्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह किन मुद्दों को खबर बनाता है|सामान्य जन के बीच प्रयास को मुखरित करने के लिए बधाई |
जवाब देंहटाएंउम्दा रिपोर्टिंग और बढ़िया प्रयास !!
जवाब देंहटाएंउम्दा रिपोर्टिंग और बढ़िया प्रयास !!
जवाब देंहटाएं